हारे के सहारा श्याम बाबा, सच्चे मन से जो मानता है, उसका कोई काम नहीं रुकता
आसनसोल । आसनसोल के श्याम भक्तों की टीम बीते दिनों खाटू श्याम बाबा को निशान चढ़ाने गए थे। श्याम भक्तों की टीम में शंकर सुमन शर्मा, सुनील सपना मुकीम, कारण प्रियंका अग्रवाल, पवन रेणु केजरीवाल, दीपक सीमा तोदी, राजेश रजनी खेरिया, अनुराग रेशु अग्रवाल, प्रदीप सराफ, सिद्धांत तोदी मुख्य रूप से शामिल थे। यह लोग रींगस से खाटू श्याम जी मंदिर तक निशान लेकर लगभग 18 किलो मीटर गए। खाटू श्याम बाबा को श्रद्धा के साथ निशान अर्पित किया। इस संबंध में शंकर शर्मा ने कहा कि हारे के सहारा श्याम बाबा, सच्चे मन से जो मानता है, उसका कोई काम नहीं रुकता है। उन्होंने कहा कि खाटू श्याम मंदिर में इस बार जो व्यवस्था थी। सभी भक्त आराम से बाबा का दर्शन किया। बाबा की इस वर्ष ऐसी कृपा रही कि सभी भक्तों को बराबर का दर्जा दिया गया था। उन्होंने कहा कि फाल्गुन मेले में निशान यात्रा का बहुत बड़ा महत्व होता है। निशान यात्रा एक तरह की पदयात्रा होती है जिसमें भक्त अपने हाथो में श्री श्याम ध्वज हाथ में उठाकर श्याम बाबा को चढाने खाटू श्याम जी मंदिर तक आते है। इसे श्री श्याम ध्वज को निशान कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पैदल निशान यात्रा करके श्याम बाबा को निशान चढाने से बाबा शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। सनातन संस्कृति में ध्वज को विजय का प्रतीक माना जाता है। श्री श्याम बाबा के महाबलिदान शीश दान के लिए उन्हें निशान चढ़ाया जाता है। निशान मुख्यतः केसरी, नीला, सफेद, लाल रंग का झंडा होता है। इन ध्वजाओं पर श्याम बाबा और भगवान श्री कृष्ण के जयकारे और दर्शन के फोटो होते है। कुछ निशानों पर नारियल एवं मोरपंखी भी लगी होती है। इसके सिरे पर एक रस्सी बंधी होती है जिससे यह निशान हवा में लहराता है।