भारत के संविधान की रक्षा करना ही भारत का राष्ट्र धर्म और भारतीय नागरिकता का प्रतीक और पहचान है – नंद बिहारी यादव
आसनसोल । भारत रत्न महान कानून शिक्षाविद बाबासाहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वी जयंती राजद कार्यालय धादका रोड आसनसोल में बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर सर्वप्रथम राजद राष्ट्रीय परिषद के सदस्य एवं प्रदेश महासचिव वरिष्ठ अधिवक्ता नंद बिहारी यादव माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। श्रद्धांजलि देने वाले अन्य राजद समर्थकों ने भी श्रद्धांजलि दिया। इस अवसर पर नंद बिहारी यादव ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े महान गणतंत्र गणराज्य भारत के संविधान के रचयिता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान अपनी अध्यक्षता में संविधान सभा में बनाकर देश ही नहीं पूरे दुनिया में भारत का नाम रोशन किया था। क्योंकि भारत का संविधान संसार के सबसे महान लोकतंत्र देश गणतंत्र भारत के एक-एक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया है। भारत का संविधान भारतीय मूल के लोगों को आर्थिक सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक एवं हर तरह से सत्ता में भागीदारी दिलाने के लिए उनके मौलिक अधिकार दिए गए है। उन मौलिक अधिकारों को जनता का शासन जनता के लिए और जनता के द्वारा निर्मित है। भारत के गणतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को भारत के संविधान के प्रति हादसा और संवेदना होनी चाहिए भारत का संविधान है गणतंत्र भारत का सबसे बड़ा राज्य धर्म है और उसकी राष्ट्रीयता की पहचान है। श्री यादव ने कहा कि भारत के संविधान में शिक्षा के मौलिक अधिकार प्रत्येक भारत के नागरिक को दिए गए हैं। इस समाज का सबसे बड़ा सुखिया धनवान व्यक्ति वही है जो शिक्षित है और संसार का सबसे बड़ा समाज का सबसे बड़ा दुखी गरीब लाचार और अभागा व्यक्ति वह है जो शिक्षा प्राप्त नहीं किया है। उन्होंने समाज के प्रत्येक तबके से आग्रह किया कि आप आधा रोटी खाए नौकरी में रहें फटा कपड़ा पहने बिना जूता चप्पल का चले लेकिन अपने बच्चों को शिक्षित करें और जब आप शिक्षित होंगे तभी समाज आगे बढ़ेगा। तभी आपका परिवार आगे बढ़ेगा और तभी आप सुखी संपन्न हो सकते हैं। इसलिए शिक्षा प्रत्येक मनुष्य को समाज में आगे बढ़ने और तरक्की करने का मूलमंत्र है। इसलिए उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षित होने का आह्वान किया और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान की शपथ लेने और संविधान की रक्षा करने का संकल्प लिया।