जिसके पास जो है उसी से संतुष्ट होना चाहिए – अनिरुद्ध आचार्य
आसनसोल। आसनसोल के सेनरेले इलाके के कन्यापुर हाई स्कूल के समक्ष मैदान में सप्तहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानभक्ति महायज्ञ श्री श्याम सुंदर दास जी महाराज के तत्वावधान में एवं ननी गोपाल मंडल, शांतारानी मंडल, जयदेव मंडल, सुकदेव मंडल, बुद्धदेव मंडल सहित पूरा मंडल परिवार की ओर से शुभारंभ हुआ।
वृंदावन से श्रद्धेय अनिरुद्ध जी महाराज भागवत कथा पाठ कर रहे हैं। दूसरे दिनआसनसोल के सेन रेले मैदान में श्रीमद् भागवत कथा पाठ का आयोजन किया जा रहा है श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज भागवत पाठ कर रहे हैं। दूसरे दिन भी भक्तों का हुजूम उमड़ा। अनिरुद्ध आचार्य जी ने कहा कि जिसके पास जो है उसी से संतुष्ट होना चाहिए जो जिसके पास नहीं है। उसे लेकर दु:खी होने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमें बहुत कुछ दिया है देखने को दो आंखें दी हैं, सुनने को दो कान दिए हैं, हाथ दिए हैं पैर दिए हैं।
दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो चलने से अपाहिज है, उनके पास हाथ नहीं है जब तक उन्हें कोई खिला नहीं देता वह खा नहीं पाते। ऐसे में इंसान को उनके पास जो है। उसी से संतुष्ट रहना चाहिए। भागवत कथा सुनने हजारों की संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु उपस्थित हुए।