हमें जाति, धर्म और वर्ग से परे रहकर सनातन धर्म के लिए आगे आना होगा – कृष्णा प्रसाद
आसनसोल । शिल्पांचल के विशिष्ट समाजसेवी, व्यवसायी सह धार्मिक प्रवृत्ति के धनी कृष्णा प्रसाद सनातन धर्म के प्रचार के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है। उन्होंने कहा कि संसार का सर्वश्रेष्ठ धर्म सनातन धर्म है, इस धर्म ने प्रारंभ काल से ही चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन आज भी विद्यमान है और आगे भी रहेगा। संसार की कोई भी शक्ति इस धर्म को नष्ट नहीं कर सकती है। आज देश में जाति, धर्म और वर्ग के नाम पर कुछ आतताई शक्तियां सनातन धर्म को तोड़ने का नाकाम प्रयास कर रही है। ऐसे में हमें जाति, धर्म और वर्ग से परे रहकर सनातन धर्म के लिए आगे आना होगा। सिर्फ धर्म के जयकारे लगाने से ही धर्म की रक्षा नहीं होगी। धर्म कार्य करने से ही धर्म की रक्षा होगी। जीवन में श्रेष्ठ कर्म कर लेना सबसे पुण्य का कार्य है। धर्म कार्य में लगाया धन कभी व्यर्थ नहीं जाता है। गुरुवार की सुबह कृष्णा प्रसाद ने मां घाघरबुरी मंदिर परिसर में कालीपहारी धर्मचक्र सेवा समिति के द्वारा आयोजित कुमारी पूजा में पहुंचे। मंदिर में पूजा अर्चना कर 10 कुमारियो की पूजा कर शिल्पांचल वासियों के सुख, शांति व समृद्धि के लिए मंगलकामना किया। वहीं फलहारिणी कालीका पूजा के महाभोग प्रसाद का पूरा राशन भेंट दिया। उसके बाद कृष्णा प्रसाद ने निश्चिनता गांव में चल रहे 4 दिवसीय हरिनाम कीर्तन में पहुंचे। ग्रामवासियों ने कृष्णा प्रसाद का भव्य स्वागत किया। मौके पर उन्होंने पूजा पाठ कर वहां होने वाले खिचड़ी भोग के लिए आर्थिक मदद किया। वहीं संध्या समय फिर मां घाघरबुरी मंदिर फलहारिणी कालिका पूजा में पहुंचे। मौके पर कृष्णा प्रसाद को समिति की ओर से मोमेंटो देकर एवं उतारीय ओढ़कर भव्य स्वागत किया गया। फलहारिणी कालीका पूजा करके शिल्पांचल वासियों के लिए मां से प्रार्थना कर मंगल कामना किया। उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 2 स्थित बाबा लोकनाथ मंदिर पहुंचे। बाबा लोकनाथ मंदिर में पूजा पाठ किया। मौके पर कमेटी के सदस्यों ने कहा की मंदिर परिसर में दो शेड की अति आवश्यक है। मंदिर के सामने एवं जिस जगह पर भोग बनता है। कृष्णा प्रसाद ने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द दोनों जगहों पर शेड बना दिया जायेगा। कृष्णा प्रसाद पूरा दिन धार्मिक कार्यक्रम में व्यतीत किया। कृष्णा प्रसाद ने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार में वह दिन रात नहीं देखते है। जनता के बीच सनातन धर्म का अलख जगाने का बीड़ा उठाए है। इसे किसी भी हाल में पूरा करना है।