डब्लूबीएलएमए ने हिन्दी और उर्दू स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य करने की मांग पर बीडीओ को सौंपा ज्ञापन
जामुड़िया । पश्चिम बंगाल भाषाई अल्पसंख्यक संघ ने बुधवार को हिन्दी और उर्दू स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य करने की मांग पर राज्य भर में किये जा रहे आन्दोलन के तहत बुधवार जामुड़िया ब्लॉक में ज्ञापन सौंपा। पश्चिम बंगाल भाषाई अल्पसंख्यक संघ द्वारा राज्य के हिन्दी और उर्दू माध्यम स्कूलों में बांग्ला की पढ़ाई अनिवार्य करने तथा बांग्ला शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर जामुड़िया बीडीओ कार्यालय में ज्ञापन दिया गया। इस दौरान एसोसिएशन की ओर से विश्वजीत मिश्रा, अनुभव कुमार मिश्रा आदि ने कहा कि राज्य सरकार के एक फैसले से राज्य के करोड़ों हिन्दी और उर्दूभाषियों तथा आदिवासी युवाओं का भविष्य अंधकार में फंस गया है। उन्होंने कहा कि पहले राज्य के हिन्दी स्कूलों में भी बांग्ला की पढ़ाई होती थी। लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया। वहीं आश्चर्यजनक रूप से राज्य प्रशासनिक सेवा की नियुक्ति की परीक्षा में बांग्ला का 300 अंकों का प्रश्नपत्र अनिवार्य कर दिया गया। लेकिन हिन्दी, उर्दू और संथाली को हटा दिया गया। वह लोग बांग्ला अनिवार्य करने से पहले सभी को बांग्ला सीखने का अवसर देने की मांग कर रहे है। पहले सभी को बांग्ला पढ़ाया जाये। स्कूलों में इसे पहले की तरह अनिवार्य किया जाये। जिससे करोड़ों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो।