बर्दवान । दिलीप घोष तो दिलीप घोष हैं। चुनाव आयोग और उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘टिप्पणी’ करने के लिए भाजपा उम्मीदवार की निंदा की है। दिलीप ने टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी। लेकिन शनिवार को बेलगाम दिलीप फिर से प्रचार करने निकल पड़े। इस बार पूजा करते समय दिलीप ने पुजारी से कहा, “माँ को बताओ ताकि मैं बर्दवान दुर्गापुर का सम्मान कर सकूं।” बाहरी लोगों को अपने कपड़े उतार कर चले जाना चाहिए। तृणमूल खेमे ने उनकी टिप्पणियों की निंदा की।बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी दिलीप ने शनिवार को पूर्व बर्दवान के कामदरा स्थित गौर कालीबाड़ी मंदिर में पूजा की। उन्होंने पूजा के माध्यम से पुजारी से आशीर्वाद लेने के बाद प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के बारे में टिप्पणी की। उधर, दिलीप की बात पर मंदिर का पुजारी कहता है, ‘माँ (काली) से कहो, माँ से कहो।’ इससे पहले, दिलीप ने दुर्गापुर में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में ‘असंसदीय’ टिप्पणी की थी। इसके मद्देनजर चुनाव आयोग के साथ-साथ बीजेपी ने भी उन पर शोक जताया। शुक्रवार को दिलीप ने आयोग के समक्ष अपनी शिकायतों का जवाब दिया। लेकिन शनिवार को दिलीप की विपक्ष पर की गई टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया। बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल उम्मीदवार पूर्व क्रिकेटर कीर्ति हैं। सीपीएम ने सुकृति घोषाल को टिकट दिया है। चुनाव प्रचार के पहले दिन से ही बीजेपी के दिलीप बनाम तृणमूल के कीर्ति की टिप्पणी और प्रति-टिप्पणी की लड़ाई शुरू हो गई। कुछ लोग एक इंच जमीन भी देने से कतराते हैं। शनिवार को दिलीप ने कीर्ति को ‘मानसिक रोगी’ कहा था।
दिलीप की टिप्पणियों के बाद, राज्य तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता प्रसेनजीत दास ने कहा, “वह बुरी बातें कहकर बंगाल के लोगों का अपमान कर रहे हैं।” उन्होंने बंगाल की महिलाओं का अपमान किया है। संदेशखाली इसका ज्वलंत उदाहरण है।
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