विद्रोही कवि काजी नज़रुल इस्लाम की 125वीं मनाई गई जयंती
आसनसोल । विद्रोही कवि काजी नज़रुल इस्लाम की 125वीं जयंती के अवसर पर आसनसोल नगर निगम की ओट से आश्रम मोड पर स्थित उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस मौके पर आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, एमएमआईसी गुरुदास चटर्जी, पार्षद बबिता दास, निगम के हेड क्लर्क बिरेंद्र अधिकारी, कल्लोल राय सहित आसनसोल नगर निगम के अधिकारी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे। इस मौके पर सभी ने काजी नज़रुल इस्लाम की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि विद्रोही कवि काजी नज़रुल इस्लाम का जन्म आसनसोल के निकट चुरूलिया में हुआ था। काजी नज़रुल इस्लाम के लेखनी में इतना जोर था कि अंग्रेज उनसे आतंकित थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी कहा था कि अंग्रेजो के खिलाफ उनका लड़ने की प्रेरणा काफी नज़रुल इस्लाम की कविताओं से मिलती है। वही गुरुदास चटर्जी ने कहा कि काजी नज़रुल इस्लाम द्वारा रचित श्यामा संगीत इस बात का प्रतीक है कि धर्म के नाम पर विभाजन इस देश और खासकर यह प्रदेश में कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आज जबकि पूरे देश के साथ-साथ किस राज्य में भी विभाजन के राजनीति करने की कोशिश की जा रही है। काजी नज़रुल इस्लाम जैसे महापुरुष हमें सही रास्ता दिखाते हैं।