आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं’, नालंदा यूनिवर्सिटी से मोदी का दुनिया को संदेश
आसनसोल । नालंदा विश्वविद्यालय के साहित्य को तुष्टीकरण वाले जला सकते हैं पर सनातन संस्कृति को नहीं जला सकते। इसका उदाहरण बुधवार को मोदी जी के कर कमलों द्वारा नालंदा संग्रहालय का एवं विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया गया। उक्त बाते आसनसोल के व्यवसायी सुरेन जालान ने कही। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति विश्व जननी है। यह कैंपस प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित है। पीएम मोदी ने नए परिसर का उद्घाटन करते हुए भारतीय शिक्षा का इतिहास और नालंदा विश्वविद्यालय की गौरव गाथा का जिक्र किया। नए कैंपस में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने बोधि वृक्ष लगाया। वहीं, उन्होंने अपना संबोधन भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा,”नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।” पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है। दुनिया के कई देशों से यहां छात्र आने लगे हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है।