भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग भागवत से प्राप्त होता है – यशोदा नंदन जी महाराज
आसनसोल । समस्त शिल्पांचल वासियों की ओर से एनएस रोड शिव मंदिर रोड आसनसोल गौशाला में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 16 से 23 जनवरी तक किया गया है। भागवत कथा के दूसरे दिन श्री हरिहर आश्रम श्रीधाम वृंदावन से पधारे श्री यशोदा नंदन जी महाराज ने सुखदेव जन्म प्रसंग सहित विभिन्न विषयों पर प्रवचन दिया। कथा का शुभारंभ नारियल बधारकर युवा समाजसेवी अभिषेक केडिया, कुणाल भूत एवं संजय अग्रवाल ने किया। इसके पूर्व मुख्य यजमान शंकर सुमन शर्मा, नरेश अग्रवाल, आनंद सुष्मिता पारीक, सुजीत सिंपल गुप्ता, कमल अनीता शर्मा, प्रभास सुनीता गुप्ता, आनंद पूनम अग्रवाल आदि मुख्य यजमानो ने प्रातः दैनिक पूजा की उसके पश्चात भागवत कथा के प्रारंभ होने पर गुरुदेव को तिलक एवं माल्यार्पण कर कथा का शुभारंभ करवाया एवं श्रीमद् भागवत जी की आरती की। कथा में श्री यशोदा नंद जी महाराज के द्वारा सुखदेव जन्म प्रसंग पर कथा हुई। उन्होंने कहा कि 12 वर्ष गर्भ में रहने के बाद भगवान से वचन लेकर केवल भागवत वचन के लिए जन्म लिया। महाराज जी ने बताया मानव जीवन धर्म और भगवत प्राप्ति के लिए बना है। जीवन में धर्म और पूजा अति आवश्यक है। मनुष्य जीवन विषय भोगने के लिए नहीं अपितु कृष्ण प्राप्ति शाश्वत को पाकर जीवन को मंगलमय में बनाना है। प्रभु से बढ़कर और कुछ नहीं भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग भागवत से प्राप्त होता है।