आसनसोल । पूरे बंगाल के साथ-साथ आसनसोल एसडीओ कार्यालय में भी 3 अप्रैल को यानी मंगलवार को पार्टी की तरफ से घेराव किया जाएगा। उक्त बाते पत्रकारों को संबोधित करते हुए एसयूसीआई के जिला सचिव सुंदर चटर्जी ने रवींद्र भवन परिसर में कही। मौके पर संगठन से जुड़े सदस्य उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि पूरे बंगाल के साथ-साथ आसनसोल एसडीओ कार्यालय में भी 3 अप्रैल को यानी मंगलवार को पार्टी की तरफ से घेराव किया जाएगा। दरअसल संगठन की तरफ से केंद्र और राज्य दोनों सरकारों पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उनकी नीतियां जन विरोधी है। इसी के खिलाफ यह कार्यक्रम किया जाएगा। उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की नीतियों की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में भी बेरोजगारी चरम पर है। बंगाल में चाय के बागान बंद हो रहे हैं। सरकार द्वारा जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है उससे शिक्षा का निजीकरण हो रहा है जिससे समाज के गरीब वर्ग के लोग शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने की मांग की साथ ही चार श्रम कोड को भी रद्द करने की आवाज उठाई गई। वर्ष 2022 में नई विद्युत नीति का भी संगठन के नेताओं ने विरोध किया। इसके साथ ही किसानों को उनके फसल की सही कीमत देने की भी मांग की गई। इसके अलावा श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, खेतिहर मजदूरों की मजदूरी सुनिश्चित करने और उन्हें पूरे साल रोजगार उपलब्ध कराने की भी मांग की गई। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर पानी की समस्या को दूर करने रास्तों की बदहाली को समाप्त करने बालू और कोयला के अवैध कारोबार पर रोक लगाने मनरेगा के कार्य को फिर से शुरू करने सहित और भी विभिन्न मांगो के समर्थन में प्रेस मीट मैं आवाज उठाई गई। प्रेस मीट में उपस्थित संगठन के कल्लोल राय, बबला भट्टाचार्य, देवदास माझी, अनूप भट्टाचार्य, शंख कर्मकार ने कहां की केंद्र राज्य दोनों सरकारों कि गलत नीतियों के खिलाफ 3 अप्रैल को कानून भंग आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने आम जनता से भी इस आंदोलन को सफल बनाने की अपील की। संगठन के नेताओं ने कहा कि चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी या टीएमसी हर कोई सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ही राजनीति में है। लेकिन उनकी पार्टी आम जनता के सरोकार को पूरा करने के लिए राजनीति करती है और उन्हीं मुद्दों को उठाती है जो सीधे जनता से जुड़े हुए हैं।
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