आसनसोल । सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद एसएससी द्वारा वर्ष 2016 में नियुक्त 26000 शिक्षकों की नौकरी को रद्द कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि उस नियुक्ति में घोटाला हुआ था और योग्य और अयोग्य शिक्षकों को अलग-अलग नहीं किया जा सका। इसलिए पूरे पैनल को ही खारिज कर दिया गया। इसके खिलाफ बुधवार योग्य शिक्षक शिक्षिका अधिकार मंच के बैनर तले शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने आसनसोल के जीटी रोड शनि मंदिर से नूरुद्दीन रोड होते हुए सुकांतो मैदान डीआई कार्यालय तक एक रैली निकाली और वहां पहुंचकर उन्होंने डीआई कार्यालय के गेट पर ताला लगा दिया। इससे पहले यह सभी शिक्षक शिक्षिका आश्रम मोड़ शनि मंदिर के पास कुछ देर तक रोड जाम भी किया। इन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। इस संदर्भ में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने मीडिया से बात की उन्होंने कहा कि वह लोग योग्य है। उन्होंने अपनी मेधा के बल पर नौकरी हासिल की थी। लेकिन जिस तरह से एसएससी और राज्य सरकार तथा शिक्षा विभाग की वजह से उनको अपनी नौकरी से वंचित होना पड़ा। यह कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्होंने नौकरी हासिल करने में कोई गलत रास्ता नहीं अपनाया था। इसके बावजूद उन्हें अयोग्य शिक्षकों के साथ नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने साफ कहा कि एसएससी के पास ओएमआर शीट की प्रतिलिपि है और उस मिरर इमेज को अगर प्रकाशित कर दिया जाए तो यह दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि कौन अयोग्य है और कौन योग्य। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बचाने के लिए ऐसा नहीं किया जा रहा है। इन शिक्षकों का कहना था कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने इन योग्य शिक्षकों को नेताजी इनडोर स्टेडियम में बुलाया था और उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके साथ मुख्यमंत्री खड़ी है और योग्य शिक्षकों को कोई नुकसान होने नहीं दिया जाएगा। लेकिन वह आश्वासन खोखला था। इन शिक्षक शिक्षकों का कहना था कि चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो सभी ने उनके साथ सिर्फ खिलवाड़ किया है फिर चाहे वह माकपा हो या बीजेपी या वर्तमान सत्ता पक्ष टीएमसी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में कहा कि पहले वह योग्य शिक्षकों के समस्या के समाधान के बारे में सोचेंगी उसके बाद अयोग्य शिक्षकों का मामला भी वह देखेंगी। इस पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपनी नाराजगी जताई और कहा कि जिन अयोग्य शिक्षकों की वजह से आज योग्य शिक्षकों पर इतनी बड़ी विपदा आई है। उन अयोग्य शिक्षकों को लेकर मुख्यमंत्री की इतनी चिंता क्यों है वही कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार के कैबिनेट द्वारा अतिरिक्त शून्य पद या सुपरन्यूमैरेरी पोस्ट बनाए जाने के मुद्दे पर सीबीआई जांच खारिज करने के निर्देश पर इन शिक्षकों ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस कैबिनेट ने अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति को बचाने के लिए अतिरिक्त शून्य पद बनाया था उस पर कोई जांच नहीं होगी लेकिन जिन लोगों ने अपनी प्रतिभा के दम पर नौकरी हासिल की थी उन पर गाज गिराई गई उन्होंने साफ कहा कि योग्य शिक्षक शिक्षिका अपने साथ हो रही नाइंसाफी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।