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बर्नपुर एयरपोर्ट सेवा योजना अधर में लटका

ईएससीओ अधिकारी बर्नपुर एयरपोर्ट शुरू करने में कम रुचि रखते हैं

बर्नपुर(भरत पासवान)। कई व्यापारिक संगठन और विभिन्न राजनीतिक दलों ने बर्नपुर के इस्को एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू करने की मांग बार-बार की है। लेकिन यह सवाल भी उठ रहा है कि यह सेवा कितनी लाभदायक होगी। कई संगठनों से चर्चा के बावजूद इस्को अधिकारियों को कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। स्थानीय प्रशासन को भी मामले की जानकारी दी गई है। ऐसे में बर्नपुर से हवाई परिवहन शुरू करने का फैसला फिलहाल अधर में लटका है। पिछले सप्ताह आसनसोल के अनुमंडल दंडाधिकारी ने इस मामले पर विस्तार से चर्चा की थी। बैठक में इस्को अधिकारियों ने संदेह जताया था कि बर्नपुर से हवाई परिवहन शुरू करना बहुत लाभदायक नहीं होगा। अधिकारियों का सवाल है कि अंडाल एयरपोर्ट के शुरू होने से बर्नपुर एयरपोर्ट का क्या कोई खास महत्व है? इस्को के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भास्कर कुमार के अनुसार, ‘बर्नपुर से हवाई सेवा शुरू करने के संबंध में कुछ संगठनों से प्रारंभिक चर्चा में सकारात्मक जवाब नहीं मिला। इसके बाद भी हम मामले की जांच कर रहे हैं।’ आसनसोल के अनुमंडल दंडाधिकारी विश्वजीत भट्टाचार्य की टिप्पणी में भी कुछ ऐसा ही स्वर सुनाई दिया। उन्होंने भी कहा कि बर्नपुर एयरपोर्ट में कुछ ढांचागत समस्याएं हैं। शुरुआत में हवाई परिवहन शुरू करने के लिए कई पेड़ों को काटना पड़ेगा। बिजली के खंभे भी हटाने पड़ेंगे। इस संबंध में संबंधित विभागों से बातचीत की गई है, लेकिन ज्यादा सकारात्मक संदेश नहीं मिला है। इस्को अधिकारियों के साथ बैठक में उन मुद्दों को सुलझाने की व्यवस्था की गई है। अनुमंडल दंडाधिकारी के अनुसार, ‘बर्नपुर एयरपोर्ट शुरू करने में इस्को अधिकारियों की दिलचस्पी काफी कम है।’ लेकिन सवाल यह है कि इस्को अधिकारी इस मामले में उदासीन क्यों हैं? अधिकारियों का दावा है कि शुरू में यह तय हुआ था कि यहां से 6 से 19 सीटों वाली उड़ानें आसपास के रूटों पर संचालित होंगी। क्षेत्रीय संपर्क उड़ान योजना के तहत रांची, भुवनेश्वर, राउरकेला, जमशेदपुर, कोलकाता रूटों पर उड़ानें संचालित होंगी। लेकिन बाद में निरीक्षणों से पता चला है कि सड़क और रेल परिवहन में सुधार के कारण यात्रियों की इन रूटों पर उड़ान भरने में दिलचस्पी कम हो रही है। शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित इस एयरपोर्ट पर उड़ान भरने में जोखिम अधिक है। यदि प्रतिकूल मौसम के कारण सेवा बाधित होती है, तो असुविधा और बढ़ जाएगी। इसके अलावा अंडाल एयरपोर्ट पर सेवा शुरू होने के बाद से बर्नपुर का महत्व कम हो गया है। 2016 में जब एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस्को अधिकारियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे, उस समय अंडाल एयरपोर्ट अस्तित्व में नहीं था। इस वर्ष अप्रैल में लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहल ने कहा था कि कुछ बुनियादी ढांचागत समस्याएं हैं। इन्हें दूर करने के लिए राज्य सरकार व्यवस्था कर रही है। कुछ एयरलाइनों को सेवा शुरू करने के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन किसी ने रुचि नहीं दिखाई। इस तरह के कदम से व्यापारिक संगठन नाखुश हैं। फॉसबेक्की के अध्यक्ष सचिन रॉय कहते हैं कि शहर में हवाई सेवा होने से अर्थव्यवस्था में सुधार होता है। आसनसोल इस मामले में वंचित है।

 
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