झारखंड के तेनुघाट बांध पर चिंता की लकीरें, दुर्गापुर बैराज से पानी का रिसाव कम, क्या बढ़ेगी परेशानी?
डीवीसी ने गुरुवार को मैथन से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम कर दी
दुर्गापुर(जितेंद्र कुमार चौधरी)। लगातार हो रही बारिश के बीच दुर्गापुर बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ा दी गई थी। इस बीच पंचेत और मैथन से भी पानी छोड़ा जा रहा था। आशंका थी कि छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ सकती है। लेकिन गुरुवार को डीवीसी ने मैथन से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम कर दी। इसके कारण दुर्गापुर बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा भी कम हो गई। बुधवार की रात दुर्गापुर बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा 45,900 क्यूसेक थी। लेकिन गुरुवार दोपहर के बाद दुर्गापुर बैराज से 36,250 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया। रात साढ़े आठ बजे तक 37,500 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया।
हालांकि छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा भले ही कम हो गई हो, लेकिन अभी राहत नहीं है। क्योंकि झारखंड के तेनुघाट बांध से पानी छोड़ने की मात्रा चरणों में बढ़ा दी गई है। शाम के बाद बांध के आठ गेट खोले गए। 76,549 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया। दिनभर हुई बारिश के कारण बराकर और दामोदर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसलिए डीवीसी मैथन और पंचेत जलाशयों से पानी छोड़ रहा है। इस दिन दामोदर घाटी नदी विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) के सदस्य सचिव संजीव कुमार ने बताया कि पंचेत से 38,000 और मैथन से 7,000 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया है। फिलहाल मैथन जलाशय में 468 फीट और पंचेत में 402 फीट पानी है। तेनुघाट को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि अभी तेनुघाट बांध से करीब 90,000 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा जा रहा है। रात नौ बजे तक दो और रेडियल गेट खोल दिए जाएंगे। राज्य सिंचाई विभाग की दुर्गापुर शाखा (दामोदर हेड वर्क्स) के कार्यपालक अभियंता संजय मजूमदार ने बताया, “गुरुवार रात दुर्गापुर बैराज से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जाएगा। क्योंकि तेनुघाट से पानी छोड़ा जा रहा है। पंचेत से होकर उस पानी को यहां तक पहुंचने में समय लगेगा। तेनुघाट से छोड़ा गया पानी शुक्रवार दोपहर तक दुर्गापुर पहुंच जाएगा। उसके बाद दुर्गापुर बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ा दी जाएगी।” बताया जा रहा है कि शुक्रवार को सुबह 11 बजे राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां दुर्गापुर बैराज का दौरा करेंगे। उस दिन पानी छोड़े जाने की स्थिति की समीक्षा करने के बाद वे सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।