बर्नपुर(भरत पासवान)। सेल इस्को स्टील प्लांट में आईटीआई के लिए एप्रेंटिस की बहाली की प्रक्रिया हुई, लेकिन स्थानीय युवकों में योग्यता के बाद भी उन्हें मौका नहीं मिलने के आरोप में सोमवार को बर्नपुर कॉन्फ्लुएंस हॉल के समक्ष स्थानीय बेरोजगार युवकों ने धरना और प्रदर्शन किया। साथ ही इस मुद्दे को लेकर पार्षद अशोक रुद्र, बोरो चेयरमैन शिवानंद बाउरी, पार्षद कहकशा रियाज के नेतृत्व में युवकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने आईएसपी के सीजीएम इंचार्ज (एचआर) यूपी सिंह को ज्ञापन सौंपा। सोमवार की सुबह बर्नपुर के कॉन्फ्लुएंस हॉल में पहले से ही आईटीआई योग्यता वाले चयनित सेल एप्रेंटिस अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण चल रहा था। इसी दौरान कॉन्फ्लुएंस हॉल गेट समक्ष कुछ युवक हांथों में तख्ती लेकर धरना पर बैठ गए,। इस दौरान मौजूद प्रदर्शनकारी रमेश दास ने कहा कि सेल आईएसपी एप्रेंटिस में जो भी स्थानिय आवेदक है, जिनका नाम रद्द कर दिया गया है, जबकि उनका 70 से 80 प्रतिशत अंक है। इस राज्य के बाहर से अभ्यर्थियों की प्रतिशत कम होने के बाद भी उन्हें सेल एपेंटिक्स में बुलाया गया है। जब इन मुद्दों को उठाया गया तो आईएसपी प्रवंधन ने इसे लेकर आवेदन करने के बाद इन मुद्दों को देखने का आश्वासन दिया। वही इसे लेकर स्थानीय पार्षद अशोक रुद्र ने कहा कि इस्को में आईटीआई के लिए सेल एपेंटिक्स के लिए जो कट ऑफ नंबर रखा गया है। वह अंक स्थानीय या बंगाल के अभ्यर्थियों के पास है, यह अभ्यर्थी बर्नपुर, आसनसोल, दुर्गापुर, बाराबनी, जामुड़िया, कुल्टी सहित आदि के है। मगर यह लोग बार बार आवेदन करने के बाद भी इन्हें मौका नहीं दिया जाता। इनके आवेदन दिल्ली जाती है। वहां और आईएसपी के कुछ अधिकारी बांग्ला विरोधी है, 50 प्रतिशत देश के विभिन्न राज्य और 50 प्रतिशत इस राज्य से लिए है। इसके बाद जब नौकरी होगी तो देखा जाता है कि बाहर से 90 प्रतिशत है। स्थानीय 10 प्रतिशत को मौका मिलता है। बाहर से आने वाले अभ्यर्थियों की आईएसपी के प्रति अपनी कोई सेंटीमेंट नहीं होती। इस्को प्रवंधन मैनेजमेंट ट्रेनी को तैयार करने में दो लाख और नॉन एजिकुटिव के लिये 1 लाख से अधिक खर्च होता है। इसमें बाहर के लोग एक या दो वर्ष के लिए काम करने के बाद नौकरी छोड़ कर चले जाते हैं। आईटीआई एपेंटिक्स में जिस विभाग के लिए चाहिए, वैसे युवक इस राज्य में ही है। केंद्रीय सरकार की नौकरी के लिए यहां के युवक को वंचित रखा जाता है। यह लोग आए है, फिर से इसकी रिजल्ट की स्क्रीनिंग किया जाए। हमलोग कोई राजनीतिक लड़ाई नही लड़ रहे है, 25 पार्षद मिलकर सिर्फ स्थानीय को नौकरी मिले यही मांग है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ज्ञापन देने के बावजूद अगर सेल आईएसपी प्रबंधन कोई पहल नहीं करता है तो आगामी दिनों में लगातार आंदोलन किया जाएगा।