सूर्योपासना का अनुपम लोकपर्व छठ का मनोरमयी छटा देखना हो तो कल्ला प्रभु छठ घाट पर जरूर एक बार आए
विशिष्ट समाजसेवी सह व्यवसायी कृष्णा प्रसाद की कोशिशों से हुआ कल्ला प्रभु छठ घाट की पूरी भव्य तैयारी
आसनसोल । आसनसोल के कल्ला प्रभु छठ घाट पर बीते 44 सालों से छठ पूजा का आयोजन किया जाता रहा है। हर साल यहां ली क्लब की तरफ से आसनसोल के विशिष्ट समाजसेवी सह कृष्णा प्रसाद के तत्वावधान में छठ पूजा का भव्य आयोजन किया जाता रहा है। लेकिन कृष्णा प्रसाद की मानें तो इस साल का आयोजन ऐतिहासिक होने जा रहा है। आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए कृष्णा प्रसाद ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। हाल ही में वह देवभूमि उत्तराखंड गए थे। वहां से वह इस पूरे
क्षेत्र को पवित्र करने के लिए बोतलों में भरकर हजारों लीटर गंगा जल लाए और छठव्रतियों में वितरित करने का संकल्प लिया। इसके साथ ही उन्होंने अपने स्तर से प्रयास करते हुए प्रभु छठ घाट का कायाकल्प किया है। विदित हो कि हाल की बाढ़ में आसनसोल के अन्य हिस्सों की तरह कल्ला प्रभु छठ घाट को भी खासा नुकसान पंहुचा था।
एक समय नौबत यहां तक आ गई थी कि प्रभु छठ घाट पर छठ के आयोजन को लेकर ही संदेह पैदा हो गया था। ऐसे में कृष्णा प्रसाद ने इस परिस्थिति को एक चुनौति के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने ली क्लब के सदस्यों को आश्वस्त किया कि हर साल की तरह ही इस साल भी छठ का आयोजन किया जाएगा। वह भी कुछ इस तरह जैसा कि इस जिले में क्या पूरे बंगाल में कहीं नहीं किया गया है। इसके लिए उन्होंने बीते लगभग दो महीने से अपनी पूरी ताकत झोंक दी। उन्हीं के प्रयासों का
नतीजा है कि बीते दो महीनों पहले भी जिस घाट पर चलना भी मुहाल था। आज वह घाट छठव्रतियों के स्वागत के लिए पूरी तरह से सज धज कर तैयार हो गया है। कल्ला नदी के दोनों तरफ के घाटों की मरम्मत की गई है। छठव्रतियों के नदी तक आने के लिए सीढ़ियों का निर्माण किया गया है। कोरोना काल में पूरे घाट को सैनिटाईज करने की भी व्यवस्था रखी गई है। सुरक्षा का भी पुरा खयाल रखते हुए घाट सहित कल्ला दोमोहनी सड़क के आश्रम मोड़ से लेकर धनधारी मोड़ तक चारों तरफ दो सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही घाट पर जो मंच बनाए गए हैं उनको फूलों से सजाया गया है। दरअसल काशी
से वहां के विद्वान पंडितों को आमंत्रित किया गया है जो पहले अर्घ्य एवं सुबह अर्घ्य प्रदान करने के बाद वाराणसी के गंगा घाट की तर्ज पर आरती की जाएगी। जिन लोगों ने प्रभु छठ घाट के विहंगम दृश्यों को देखा है उनका कहना है कि ऐसा नजारा इससे पहले कभी किसी भी छठ घाट पर देखा नहीं गया है। कृष्णा प्रसाद की कोशिशों से प्रभु छठ घाट
का जो कायाकल्प हुआ है वह अकल्पनीय है। जिन्होनें भी इन दृश्यों को देखा है उनका कहना है कि यह नजारे देखने का अवसर जीवन में सिर्फ एक बार ही मिलता है। कृष्णा प्रसाद ने सभी श्रद्धालुओं से कल्ला प्रभु छठ घाट पर आने का अनुरोध किया ताकि वह इस अविश्वसनीय मनोरमयी छटा के साक्षी बन सकें।