Shilpanchal Today

Latest News in Hindi

राज्य सरकार और टीएमसी नेतृत्व निजीकरण के खिलाफ है या पक्ष में ? – जितेंद्र तिवारी


दुर्गापुर के कोक ओवन ग्रुप ऑफ प्लांट्स बंद होने के बाद कंपनी के अतिरिक्त कर्मियों की अन्यत्र नियुक्ति को लेकर शुरू हुई प्रशासनिक कवायद
दुर्गापुर । दुर्गापुर का कोक ओवन ग्रुप ऑफ प्लांट्स सीओजीपी डीपीएल या दुर्गापुर पावर लिमिटेड का एक बेहद कामयाब हिस्सा था। लेकिन मांग में आई भारी कमी के कारण वर्ष 2015 में यह बंद पड़ गया। इससे इस कंपनी में कार्यरत काफी सारे कर्मी बेरोजगार हो गए। इसके बाद वर्ष 2017 में कैबिनेट द्वारा लिए गए एक फैसले से सीओजीपी पूरी तरह से वेस्ट बंगाल पावर डेवलपमेंट कार्पोरेशन के अधीन आ गई। वर्ष 2018 में यह फैसला लिया गया कि इस कंपनी में जो भी अतिरिक्त कर्मी हैं उनको पश्चिम बर्दवान जिले में ही अन्य सरकारी संस्थानों में नियुक्ति दी जाएगी। कैबिनेट द्वारा इस फैसले को अनुमोदित भी किया गया था। वर्ष 2019 में पश्चिम बर्दवान जिला शासक को कैबिनेट फैसले का पालन करते हुए सीओजीपी के 345 अतिरिक्त कर्मियों को अन्यत्र नियुक्त करने की हिदायत दी गई। इनमें से छह कर्मियों को अन्यत्र नियुक्त किया भी गया लेकिन उनके वेतन का भार डीपीएल को उठाना पड़ रहा था जो कि डीपीएल के खस्ताहाल आर्थिक स्थिति में काफी मुशकिल था। इस परिस्थिति को देखते हुए अब यह फैसला लिया गया है कि डीपीएल पश्चिम बर्दवान जिले में सरकारी सेमी सरकारी आटोनामस सेमी आटोनामस संस्थानों को सीओजीपी के 259 अतिरिक्त कर्मियों के शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मुहैया कराएगी। विभिन्न कार्यालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ सलाह मशविरा करके पश्चिम बर्दवान जिला शासक इन अतिरिक्त कर्मियों की नियुक्ति पर चर्चा करेंगे। अगर इस दौरान किसी कर्मचारी की कहीं अन्यत्र नियुक्ति हो गयी है तो उनको वहीं काम करने दिया जाएगा। जहां भी इन अतिरिक्त कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। वह राज्य सरकार के वित्त विभाग से चर्चा के जरिए इन कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति तक मिलने वाले आर्थिक सुविधाओं पर फैसला लेंगे। वित्त विभाग और उस संस्थान के सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारियों से हरी झंडी मिलने के बाद ही इन अतिरिक्त कर्मियों की उस संस्थान में नियुक्ति हो पाएगी।हालाकि इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है । पश्चिम बर्दवान जिले के कद्दावर भाजपा नेता व आसनसोल के पूर्व मेयर जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि डीपीएल राज्य सरकारी कारखाना है लेकिन इसको बंद करके इसे निजी हाथों में बेचने की कोशिश की जा रही है । साथ ही इस कारखाने की जमीन को भी हस्तांतरित करने की कोशिश की जा रही है और वहां के श्रमिकों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा। जितेन्द्र तिवारी ने इसे आसनसोल दुर्गापुर शिल्पांचल के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि एक तरफ पश्चिम बंगाल सरकार और टीएमसी नेता उस वक्त हाय तौबा मचाते हैं जब केंद्र की भाजपा सरकार किसी सरकारी कंपनी का निजीकरण करती है लेकिन खुद राज्य सरकारी कारखाने का निजीकरण कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि राज्य सरकार और टीएमसी नेतृत्व निजीकरण के खिलाफ है या पक्ष में ? उन्होंने राज्य सरकार और टीएमसी नेतृत्व से इस विषय पर अपना रुख साफ करने की मांग की।

This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.47.27.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.48.17.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.49.11.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.49.41.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.50.18-715x1024.jpeg

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *