आसनसोल सीबीआई कोर्ट में बिकाश मिश्रा की जमानत खारिज, 10 दिन की हिरासत
आसनसोल। कोयला और पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार बिकाश मिश्रा की जमानत फिर खारिज हो गई। करीब चार महीने बाद शुक्रवार को बिकाश मिश्रा आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत में पेश हुए। पता चला है कि उसे उसी दिन आसनसोल स्पेशल करेक्शनल इंस्टीट्यूशन से पुलिस सुरक्षा में कोर्ट ले जाया गया था। बिकाश को 23 मार्च को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल से प्रेसीडेंसी जेल ले जाया गया था। फिर गुरुवार को उन्हें प्रेसीडेंसी से आसनसोल जेल लाया गया। बिकाश मिश्रा के दो वकीलों शेखर कुंडू और सोमनाथ चटर्जी ने सीबीआई अदालत में दो मामलों में जमानत के लिए आवेदन किया था। सीबीआई के वकील राकेश कुमार ने बिकाश की जमानत का विरोध किया। कोयला तस्करी मामले में पहले तो दोनों पक्षों के वकीलों के बीच सवाल-जवाब का सत्र चला। न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने तब कोयला तस्करी मामले (आरसी 22) में बिकाश मिश्रा को जमानत देने से इनकार कर दिया और 14 दिन की जेल हिरासत का आदेश दिया। वकील शेखर कुंडू ने कहा कि मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। उन्होंने आगे कहा कि बिकाश को इस मामले में जमानत मिल गई है। लेकिन बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी गई। सीबीआई ने तब बिकाश मिश्रा को एक मवेशी तस्करी मामले (आरसी 19) में गिरफ्तार किया और न्यायाधीश के पास 14 दिनों की हिरासत के लिए आवेदन किया। मामले में पूछे जाने पर सीबीआई के वकील ने कहा कि उनके पास कुछ जानकारी साबित करने के लिए संपर्क थे। काउंटर डेवलपमेंट के वकील सोमनाथ चटर्जी ने सीबीआई के वकील की याचिका का विरोध किया। लेकिन अंत में दोनों पक्षों के वकीलों द्वारा पूछताछ के बाद न्यायाधीश ने सीबीआई की अर्जी के आधार पर उनकी जमानत खारिज कर दी और 10 दिन की सीबीआई हिरासत का आदेश दिया। वकील सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी। दोपहर सीबीआई अधिकारी बिकाश को कोलकाता ले गए। पशु तस्करी मामले में अब तक गिरफ्तार इनामुल हक, बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार और अन्य सभी जमानत पर बाहर हैं। उस दृष्टि से यह कहा जा सकता है कि इस मामले में सीबीआई ने बिकाश मिश्रा को नए सिरे से गिरफ्तार किया था। इसे पहले मार्च में कोयला तस्करी मामले में तीन बार सुनवाई हुई थी। लेकिन बिकाश को आसनसोल सीबीआई अदालत में पेश नहीं किया गया क्योंकि वह बीमार था। बीते 29 मार्च को मामले की सुनवाई वाले दिन जज ने कहा बिकाश मिश्रा शारीरिक रूप से उपस्थित रहें। मामले से लौट रहे बिनय मिश्रा के भाई बिकाश मिश्रा ने 7 मार्च को 90 दिन की न्यायिक हिरासत या जेल की सजा पूरी कर ली है। 8 मार्च को उनके वकील ने जमानत के लिए सीबीआई कोर्ट में अर्जी दी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वह शारीरिक रूप से मौजूद नहीं थे। गौरतलब है कि बिकाश को आखिरी बार 11 दिसंबर 2021 को आसनसोल सीबीआई कोर्ट ले जाया गया था। लेकिन वह बीमार पड़ गए और उन्हें आसनसोल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से वह बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल और फिर एसएसकेएम गए। मार्च 2021 में ईडी ने सबसे पहले बिकाश मिश्रा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।