शिक्षिका सह सामजसेवी संजना राम राजनीति में आकर लोगों की सेवा करना चाहती

आसनसोल । संजना राम को 2005 में टॉलीगंज आदर्श हिंदी गर्ल्स प्राइमरी स्कूल, कोलकाता में शिक्षिका के तौर पर नौकरी मिली। वह जब पहले दिन अपॉइंटमेंट लेटर लेकर ज्वाइनिंग करने स्कूल गई तब उनको में ज्वाइन करने से मना कर दिया गया। बाद में स्कूल काउंसिल कोलकाता के उच्च अधिकारी द्वारा दबाव बनाया गया। तब उनकी ज्वाइनिंग हुई। इतना ही नहीं संजना राम के स्कूल में जाने के बाद उस स्कूल के सभी गर्ल्स और बॉयज सेक्शन के शिक्षकों ने एक मीटिंग की और प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षक को कहा गया की संजना राम की स्कूल में ज्वाइनिंग कैसे हुई। बताया जा रहा है कि यह सब संजना राम के साथ इसलिए हुआ क्योंकि वह दलित समाज से आती है। यहां तक कि संजना राम के खिलाफ यह भी कहा गया की इस स्कूल में आज तक प्रधान शिक्षक की कुर्सी पर सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण या क्षत्रिय ही बैठे है। भविष्य में अगर इस पर एक दलित बैठेगी तो यह स्कूल के लिए बहुत शर्म की बात होगी। संजना राम ने कभी किसी को कुछ नहीं कहा क्योंकि उनको लगता था की वह लड़ाई झगड़ा करके इस मनुवादी सोच को खत्म नहीं कर सकती। इसलिए संजना राम ने चुप रहकर अपना काम किया और एक दिन ऐसा समय आया की संजना राम को स्कूल काउंसिल कोलकाता के द्वारा ट्रेनर बनाया गया।
वह सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग देने लगी कि छात्रों को अंग्रेजी कैसे पढ़ाना है । संजना राम ने धीरे धीरे उन शिक्षकों की सोच को इतना बदला की उन्होंने उन शिक्षकों को अपने घर पर खाने तक का न्योता दिया और उनके साथ खाना भी खाई। आज संजना राम ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर अपने स्कूल में लगवाई जो आज तक नहीं हुआ। उन्होंने यहां तक की ये जिम्मेदारी उठाई है की अब वह बंगाल के जहां तक संभव हो सकेगा सभी सरकारी कार्यालय में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर लगाएंगी और उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाएगी।
इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए संजना राम ने 2 सरकारी स्कूलों में बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर लगाई और उनके साथ साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे ऐसे 2 कार्यालय में भी उनकी तस्वीर लगाई और बाबा साहेब के विचारों को लोगों तक पहुंचाया। संजना राम कहती है की ममता बनर्जी की सरकार में अब बंगाल में कोई भेदभाव नहीं है। ममता बनर्जी से उन्होंने सीखा चुप रहकर अपना काम करना और आगे बड़ना है। संजना राम ने शिक्षा जगत में काफी नाम कमाया और कोशिश नाम की संस्था की वो डायरेक्टर भी है। उनको उनके कार्यों के लिए काफी अवार्ड मिल चुका है। आगे वह राजनीति में आकर लोगों की सेवा करना चाहती है। संजना राम ने शादी नहीं की क्योंकि उनको लगता है की अगर वह शादी कर लेती तो शायद लोगों की सेवा में बाधा आती। इसलिए उन्होंने अपना सारा जीवन समाज के काम में और लोगों की सेवा में लगने का निर्णय लिया है।