चुनाव में जीती हुई कमेटी को वैध करार देते हुए जिला के विभिन्न गुरुद्वारा कमेटियों ने जसवंत सिंह को कार्यभार का किया समर्थन
बर्नपुर । बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को लेकर जारी विवाद में अब नया अध्याय जुड़ गया है। बुधवार की रात विवाद को लेकर दोनों गुटों में जमकर मारपीट की घटना ने इस विवाद को नये मोड़ पर ले गया। अब शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन कर मौजूदा कमेटी को बदले दूसरे पक्ष ने शुक्रवार को कार्यभार संभालने का दावा किया। इस पत्रकार सम्मेलन के दौरान मौजूद शिल्पांचल के विभिन्न गुरुद्वारा से पहुंचे पदाधिकारियों व कुछ माह बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नाम पर चुनाव कराने वाले पदाधिकारी मौजूद थे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए बर्नपुर गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह ने बर्नपुर गुरुद्वारा कार्यालय का ताला तोड़ने तथा कब्जा करने के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि एक परिवार बीते 8 साल से यहां कब्जा कर बैठा था। जिससे नाराज संगत ने चुनाव में अपना समर्थन देकर जसवंत सिंह को नया प्रधान चुना था। अब संगत के निर्देश पर चुनाव जीतकर आये प्रधान जसवंत सिंह द्वारा गठित कमेटी ने कार्यभार संभाल लिया है। वहीं पत्रकार सम्मेलन में मौजूद अन्य गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने चुनाव जीतकर कार्यभार संभालने वाली नई कमेटी का समर्थन किया। साथ ही सोसाइटी एक्ट में रजिस्टर्ड बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का संबंध बर्नपुर गुरुद्वारा से नहीं होने का दावा किया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह, बेनाचिती गुरुद्वारा के प्रधान तजिंदर सिंह, हरपाल सिंह जौहल, आसनसोल गुरुद्वारा के प्रधान अमरजीत सिंह भरारा आदि ने सुरेंद्र सिंह अत्तू की कमेटी को पूरी से अवैध बताते हुए चुनाव जीतकर आयी कमेटी को वैध होने का दावा किया।
इस दौरान गायघाटा गुरुद्वारा के प्रधान तरसेम सिंह, बराकर गुरुद्वारा के प्रधान जोगिंदर सिंह, चिनाकुड़ी गुरुद्वारा के सोहन सिंह, गुरविंदर सिंह, पारबेलिया गुरुद्वारा के मलकीत सिंह, ध्रुवडंगाल गुरुद्वारा के गुरचरण सिंह सहित कई गुरुद्वारा के प्रतिनिधि, चुनाव जीतकर गठित कमेटी के पदाधिकारी व काफी संख्या में स्त्री संगत मौजूद थीं।