सनातन धर्म कभी किसी का बुरा नहीं चाहा है – स्वामी आत्म प्रकाश जी महाराज
आसनसोल । आसनसोल के गौर मंडल रोड स्थित आसनसोल गौशाला में मुरारका परिवार के सानिध्य में एवं आसनसोल महावीर स्थान सेवा समिति के सहयोग से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन मंगलवार को कथावाचक स्वामी आत्म प्रकाश जी महाराज ने बाल लीला एवं गोवर्धन पूजा और छप्पन भोग पर कथा सुनायी। गुरुजी ने मोक्ष पर कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि 1 क्विंटल लकड़ी जलाने के लिए माचिस के एक तिली की जरूरत पड़ती है। एक सौ क्विंटल लकड़ी या 500 क्विंटल लकड़ी को भी एक तिली जाल देती है। इसी तरह गुरु का नाम जपते जपते जिस दिन भगवान का दर्शन हो जाए। उसी दिन मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। वहीं गुरुजी ने एक सेठ की कहानी सुनायी। सेठ के मिठाई की दुकान थी। सेठ बड़ा ही कंजूस था। एक संत महात्मा उसके दुकान पर आए। सेठ ने संत महात्मा जी का बंदन किया। उनको भरपेट मिठाई खिलाई। मिठाई खिलाने के बाद दक्षिणा भी दी। वहीं सेठ की दुकान के सामने बैठे भिखारियों ने देखा। उन लोगों को बड़ा गुस्सा आया। सेठ हम लोगों को कुछ भी नहीं खिलाता है। कुछ भी नहीं देता और संत महात्मा जी को भरपेट मिठाई खिलाकर दक्षिणा भी दिया। गुस्साए भिखारियों में से किसी ने संत महात्मा को धक्का मार दिया। संत महात्मा जमीन पर गिर पड़े। एक सज्जन पुरुष ने संत महात्मा जी को उठाया। सज्जन पुरुष ने संत से पूछा आपको किसने धक्का मारी। संत जी बोले जिसने मिठाई खिलाया। सेठ को बड़ा आश्चर्य हुआ। फिर एक सज्जन ने पूछा आपको किसने उठाया। संत महात्मा ने कहा जिसने मिठाई खिलाया। भजनानंदी संत थे। उनका कहना था कि जिसने मिठाई खिलाया उसमें भी राम, जिस ने धक्का दिया उसमें भी राम, जिसने भी उठाया उसमें भी राम जी है। सारे जगत में राम ही राम है। सुख दुख में राम हैं । इसे जगत में आप क्रोध को रोक सकते है। यह सबसे अच्छा उपाय है कि राम का नाप जपते रहे। सबके भीतर राम है, जिस दिन एक बार भी राम का दर्शन हो जाएगा। उस दिन मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। गुरुजी ने कहा की हम सब हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सभी एक एक ही परमात्मा के कई संताने हैं। गुरुजी ने कहा कि सनातन धर्म से बड़ा धर्म कोई नही है। सनातन धर्म कभी किसी का बुरा नहीं चाहा है। सनातन धर्म में जो कुछ है। वह कहीं नहीं है। मौके पर महावीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा, बालकिशन मुरारका का पूरा परिवार, मोहन केशव भाई सहित पटेल परिवार, , राजकुमार शर्मा, नारायण मुरारका, बाल कृष्णा मुरारका, सरस मुरारका, सरोज मुरारका, पंखुड़ी मुरारका, शुचि पोद्दार, सुमित्रा टेबरेवाल, स्वेता टेबरेवाल, कपूर अग्रवाल, नारायण मुरारका, पुरषोत्तम मुरारका, नीलम मुरारका, सोनल टेबरेवाल, राजू पोद्दार, अन्नु पोद्दार, महेश झुनझुनवाला, मधु झुनझुनवाला, सुनीला अग्रवाल, राजू पोद्दार, निरंजन शास्त्री, कृष्णा पंडित, मंजू अग्रवाल, ओम प्रकाश शर्मा, महेश शर्मा, शियाराम अग्रवाल, रतन दीवान, मुकेश शर्मा, प्रेमचंद केशरी, सज्जन जालुका, मुकेश पहचान, बासुदेव शर्मा, मनीष भगत, प्रकाश अग्रवाल, अक्षय शर्मा, रौनक जालान सहित सैंकड़ों महिलाएं व पुरुष भक्त उपस्थित थे।