जामुरिया। जामुरिया के चुरुलिया मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से वेस्ट बंगाल एपीडीसीएल कोयला खदान संस्था को 11 सूत्री मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा गया। पहले माकपा की तरफ से चुरुलिया चौधरी पुकुर से एक रैली निकाली गई। कंपनी के कार्यालय तक पहुंची। वहां पर पुलिस द्वारा इन्हें बाउंड्री के अंदर जाने से रोका गया तो पार्टी के समर्थक जबरदस्ती गेट के ऊपर चढ़ गए। इसके बाद कंपनी के सुरक्षाकर्मी आए और उन्होंने गेट खोल दिया। उनकी मांग है कि कोयला खदान में स्थानीय युवाओं को नौकरी देनी होगी। ग्राम या जो मोहल्ले हैं उनको हटाया नहीं जा सकता। इस बारे में वामपंथी नेता मनोज दत्त ने कहा कि जिन लोगों ने यहां पर जमीन दी थी उन्होंने यहां पर कोयला खदान बनाने के लिए जमीन नहीं दी थी उन्होंने स्कूल बनाने के लिए जमीन दी थी। लेकिन आज लोगों से बातचीत किए बिना कोयला खदान बनाया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि पहले लोगों से बात करनी होगी। सार्वजनिक रूप से बैठक करनी होगी और लोगों की राय देनी होगी। लोगों की जो राय होगी। उसे हिसाब से काम करना होगा उन्होंने कहा कि यहां पर प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। दूसरी तरफ रास्तों की हालत जर्जर हो चुकी है। लेकिन रास्तों की मरम्मत की तरफ कोई ध्यान नहीं है। जयनगर गांव ढहने के कगार पर है लेकिन भू धंसान रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि इस तरह से चलने नहीं दिया जा सकता और राजनीतिक पार्टी होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है कि लोगों की इन समस्याओं को वह उजागर करें। वही इस बारे में टीएमसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष वज्र नारायण राय ने बताया कि पहले जब यहां पर एमटा कंपनी संचालित होती थी तब यहां पर वामपंथी नेताओं को हर महीने पैसे मिलते थे कंपनी की तरफ से उन्हें पैसे दिए जाते थे लेकिन आज जब वह लोग सत्ता में नहीं है और यहां पर ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी की सरकार द्वारा इस कंपनी को फिर से खुलवाकर सुचारू ढंग से संचालित किया जा रहा है तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। जब कंपनी बंद थी तब ममता बनर्जी की वजह से यहां के कर्मचारियों को बैठे-बैठे पैसे मिल रहे थे आज जब कंपनी खुली है तो उन लोगों को फिर से रोजगार मिला है और नए रोजगार का सृजन हो रहा है। लेकिन वामपंथी नेताओं को जो हर महीने पैसे मिलते थे। वह बंद हो गए हैं बस यही वजह है कि आज वामपंथियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। वहीं स्कूल को लेकर वामपंथी नेताओं ने जो बात कही उसके बारे में वज्र नारायण राय ने बताया की स्कूल बेहद खतरनाक जगह पर स्थित है सर्वे हुआ है जमीन के नीचे काफी खतरा है। इस वजह से स्कूल को अन्यत्र स्थानांतरित करने के बाद कही गई है। उन्होंने कहा कि अगर सर्वे में यह पता चलता है कि जिस जमीन पर स्कूल है वह सुरक्षित है जो स्कूल को वही रखा जाएगा दूसरी तरफ सत्ता पक्ष को ही तवज्जो दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। हर राजनीतिक दल के साथ और विशेष कर स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करके काम किया जा रहा है।