व्यवसाय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा मिश्रा एसोसिएट्स डेवलपमेंट कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
आसनसोल । वर्ष 1989 में जब मिश्रा एसोसिएट्स डेवलपमेंट कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की नींव डाली गई तभी से इस कंपनी के मालिक एच एन मिश्रा ने अपनी सोच को सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने समाज के लिए और विशेषकर नई पीढ़ी के लिए कुछ करने का संकल्प लिया। इसी का नतीजा है कि 12 अगस्त 2013 को शिलान्यास हुआ एक सपने का जी हां आसनसोल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट पॉलिटेक्निक नामक इस सपने का जिसका मंत्री मलय घटक, विधायक तापस बनर्जी, आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, रामकृष्ण मिशन आसनसोल के सचिव सौमात्मानंद जी महाराज सहित तमाम गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इस इंस्टिट्यूट का शिलान्यास हुआ।एआईसीटीई और स्टेट काउंसिल के सिलेबस के अनुसार यहां पठन-पाठन की शुरुआत हुई। पहले वर्ष में यहां 5 विषयों की पढ़ाई शुरू हुई। इनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग प्रमुख है। बाद में यहां माइनिंग इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई शुरू की गई। कहते हैं किसी भी पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है। एच एन मिश्रा के जीवन में भी यह कहावत चरितार्थ होती है। जब उन्होंने कॉलेज के बारे में सोचा कॉलेज की जिम्मेदारी सौंपने के लिए उन्हें अपने घर में ही सबसे उपयुक्त व्यक्ति मिल गईं और वो थी उनकी धर्मपत्नी डॉ. लिसा मिश्रा जो 12 सालों तक एक अन्य शिक्षा प्रतिष्ठान में उच्च पद पर आसीन रहकर अध्यापना कर चुकी थी। जब एचएन मिश्रा को अपनी नई कॉलेज का भार सौंपने के लिए किसी एक व्यक्ति की तलाश थी तो उन्होंने अपनी पत्नी डॉ. लिसा मिश्रा के हाथों में ही कॉलेज की कमान सौंपने का मन बनाया और वह आसनसोल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट पॉलिटेक्निक की प्रिंसिपल बनी। डॉ. लिसा मिश्रा के नेतृत्व में यहां तन्मय सिंह, राणा चक्रवर्ती, डॉ. शंकर सरखेल, मुनमुन हाजरा, देवाशीष बनर्जी, पारोमिता ठाकुर, सत्य सरकार सहित और भी तमाम ऐसे अध्यापक अध्यापिकाएं हैं जो इस कॉलेज में अध्यापना के जरिए बच्चों को एक सुनहरा भविष्य देने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। इस कॉलेज में देशभर के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के प्रतिनिधियों की सरपरस्ती में कॉलेज के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। जिससे आगे चलकर वह दुनिया के किसी भी संस्थान में काम करने की योग्यता हासिल कर सकें। सीएलडब्ल्यू, सेल, टाटा पावर, पीडब्ल्यूडी, डीवीसी जैसे प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रतिनिधि यहां आते हैं और इस कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करते है। यहां के विद्यार्थियों को टाटा पावर, इंफोसिस अमेजॉन जैमिनी सहित देश-विदेश की प्रतिष्ठित कंपनियां अपनी कंपनियों में ऊंचे वेतन पर नौकरियां देती हैं और वह भी इन संस्थानों में अपनी योग्यता का लोहा मनवाते हैं। लेकिन एचएन मिश्रा एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कभी रुकना नहीं सीखा। कंस्ट्रक्शन कंपनी इंजीनियरिंग कॉलेज के बाद उन्होंने सोचा कि वह और क्या कर सकते हैं, जिससे समाज को और बेहतर बनाने में वह अपना और ज्यादा से ज्यादा योगदान दे सके। तभी आया भयंकर कोरोना काल। इस समय हमें चिकित्सकों और चिकित्सकीय सेवा से जुड़े व्यक्तियों की महत्ता को एक बार फिर से पुरजोर तरीके से समझाया। एच एन मिश्रा ने सोचा कि भविष्य में इस राज्य में कम से कम प्रशिक्षित नर्सों की कमी न हो इसके लिए उन्हें कुछ पहल करनी चाहिए। उनकी इसी सोच को अमलीजामा पहनाते हुए उन्होंने आसनसोल के काली पहाड़ी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के पास बागबंदी इलाके में राधा स्वामी सत्संग के पास एक नर्सिंग कॉलेज बनाने का मन बनाया और उसको अमलीजामा पहनाने में जुट गए। इसी का नतीजा है आज वहां मिश्रा नर्सिंग इंस्टिट्यूट ऑफ आसनसोल के नाम से एक नर्सिंग कॉलेज चल रहा है। इस कॉलेज में नर्सिंग के दो कोर्स कराए जाते हैं एक 4 साल का बीएससी नर्सिंग का कोर्स है जो पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स है।दूसरा 3 साल का जीएनएम कोर्स यह डिप्लोमा कोर्स है। दरअसल इस नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के पीछे एच एन मिश्रा ने सोचा कि न सिर्फ इस कॉलेज से प्रशिक्षित नर्सों को तैयार किया जाएगा। बल्कि आसनसोल और आसपास के क्षेत्रों की युवतियों को स्वाबलंबी होने का एक माध्यम भी वह उपलब्ध करा सकते है। यही वजह है कि उन्होंने इस कॉलेज की स्थापना की।