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आज का पंचांग, 26 जुलाई 2022: आज करें सावन शिवरात्रि व्रत, जानें शुभ-अशुभ समय और राहुकाल

दिल्ली । आज श्रावण माह के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज सावन शिवरात्रि का व्रत है। साथ ही मंगला गौरी व्रत भी है। हिंदू धर्म में सावन शिवरात्रि व्रत का खास महत्व है। भोलेनाथ के भक्त सावन शिवरात्रि पर भगवान शंकर जी की पूरी श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्रत रखता है, उसकी सभी परेशानियां, रोग, दोष आदि दूर हो जाते हैं। सावन शिवरात्रि की पूजा विधि और महत्व हिंदू धर्म में सावन महीने में पड़ने वाले शिवरात्रि का अत्यधिक महत्व है। इस दिन शंकर जी और मां पार्वती की पूजा की जाती है। सावन शिवरात्रि का व्रत करने के लिए सुबह सवेरे उठकर स्नान ध्यान के बाद सफेद वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल की साफ-सफाई करके वहां शिव जी और मां पार्वती की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। अब व्रत का संकल्प लें। पूरे शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें। भोलेनाथ का अभिषेक करें। अब शंकर जी को दूध, दही, शहद, धतूरा, बेलपत्र, पुष्प आदि अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ करें। कथा पढ़ें या सुनें. पूजा के अंत में भोलेनाथ की आरती करें। मान्यता है कि यदि कन्याएं सावन शिवरात्रि व्रत सच्ची श्रद्धा भाव से रखती हैं, तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है। शंकर जी की पूजा-अर्चना करने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है। पुत्र की प्राप्ति होती है। सुख समृद्धि आती है। सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आज मंगला गौरी व्रत भी है। सावन के प्रत्येक मंगलवार को शंकर भगवान और मां पार्वती के लिए ये व्रत रखा जाता है। इस व्रत में पूरे विधि से पूजा-अर्चना की जाती है। शादीशुदा महिलाएं यह व्रत पति की लंबी आयु, अच्छी सेहत के लिए रखती हैं। कुंवारी कन्याएं अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए ये व्रत रख सकती हैं। साथ ही आज आप मंगलवार का व्रत भी रख सकते हैं। यह व्रत हनुमान जी के भक्त रखते हैं और पूरे विधि पूर्वक पूजा-पाठ करते हैं। इस व्रत को रखने से हमेशा हनुमान जी की कृपा बनी रहती है। शत्रुओं का नाश होता है………… 26 जुलाई 2022 का पंचांग आज की तिथि – श्रावण कृष्णपक्ष त्रयोदशी आज का करण – गर आज का नक्षत्र – आर्द्रा आज का योग – व्यघात आज का पक्ष – कृष्णपक्ष आज का वार – मंगलवार सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय सूर्योदय – 6:07:00 सूर्यास्त – 7:24:00 चन्द्रोदय – 28:02:00 चन्द्रास्त – 17:48:00 चन्द्र राशि– मिथुन हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत – 1944 शुभकृतविक्रम सम्वत – 2079 काली सम्वत – 5123 दिन काल – 13:37:24 मास अमांत – आषाढ़ मास पूर्णिमांत – श्रावण शुभ समय – 12:00:10 से 12:54:39 तक अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त) दुष्टमुहूर्त– 08:22:11 से 09:16:41 तक कुलिक– 13:49:09 से 14:43:39 तक कंटक– 06:33:12 से 07:27:42 तक राहु काल– 16:05 to 17:44 कालवेला/अर्द्धयाम– 08:22:11 से 09:16:41 तक यमघण्ट– 10:11:11 से 11:05:40 तक यमगण्ड– 09:03:04 से 10:45:14 तक गुलिक काल–12:45 to 14:25
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