राम कथा में सुनाया राम सीता विवाह का प्रसंग, हुई पुष्प वर्षा
बर्नपुर । शिव स्थान बर्नपुर में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा में शनिवार को श्रीराम और सीता जी के विवाह का प्रसंग सुनाया। कथा का वाचन श्री अयोध्या धाम से आए स्वामी दिलीप दास जी महाराज द्वारा किया जा रहा है। कथा संयम 5 बजे से 8 बजे तक होती है।कथा के सातवे दिन व्यास स्वामी दिलीप दास जी महाराज ने बताया कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा-महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का स्वयंबर (स्वयम्वर का अर्थ यह होता था, कि इसमें कन्या स्वयम अपनी इच्छानुसार अपने लिये पति का चुनाव कर सकती थी.)हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। कथा में श्री राम और सीता जी की झांकी सजाई गई। श्रद्धालुओं ने श्री राम और सीता के पैर पखारने और बधाई गीत पर जमकर नृत्य किया। इस दौरान श्री राम बारात में भी श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। इस मौके पर संतोष भाई जी, दामोदर सिंह जी, कन्हाई लाल शर्मा जी,कृष्णा प्रसाद जी, मुरारी अग्रवाल जी, बजरंग अग्रवाल जी, कमल अग्रवाल जी, ओमप्रकाश सिंह जी,प्रणव चटर्जी जी,नरेश अग्रवाल जी,हरीभाई अग्रवाल जी, पूरन चंद गुप्ता जी,एवं अन्य श्रोता गण मौजूद रहे।