कालोबरन मंडल हैं अंडाल ब्लाक के अभिभावक- विष्णुदेव नोनिया
अंडाल । अंडाल ब्लाक के टीएमसी अध्यक्ष कालोबरन मंडल के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से अंडाल टीएमसी का ही एक धड़ा अपनी आवाज बुलंद कर रहा था । उनके खिलाफ अंडाल के विभिन्न इलाकों में पोस्टर लगाए गये थे जिनमें उनको कोयला लोहा चोर बोला गया था। इन्ही सब मुद्दों पर टीएमसी के वरिष्ठ नेता विष्णुदेव नोनिया ने एक संवाददाता सम्मेलन किया । उन्होंने कहा कि यह टीएमसी की संस्कृति नहीं है कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ इस तरह से मुर्दाबाद के नारे लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि जो लोग कालोबरन मंडल को कोयला चोर बालू चोर बता रहें हैं। वह सरासर गलत हैं। विष्णुदेव नोनिया ने आरोप लगाने वालों को ही कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अगर सही से जांच की जाए तो आरोप लगाने वालों के ही कोयला बालू चोरों से संबंध सामने आएगा। उन्होंने कहा कि टीएमसी के किसी नेता पर इस तरह के आरोप लगाने से पार्टी की छवि ही खराब होती है। उन्होंने साफ कहा कि टीएमसी में कोयला बालू चोरी में संलिप्त लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि टीएमसी में रहकर टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं को इस तरह से सार्वजनिक रूप से बदनाम करने वालों को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर किसी को कोई असुविधा है तो पार्टी में जो संविधान है उसके तहत वह सही जगह पर शिकायत करें लेकिन इस तरह से चौराहे पर खड़े होकर पार्टी को बदनाम करना नाकाबिले बर्दाश्त है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में अंडाल ब्लाक से रानीगंज के विजयी विधायक तापस बैनर्जी को 9 हजार से ज्यादा बढत मिली थी। वह भी तो इसी अंडाल ब्लाक के अध्यक्ष कालोबरन मंडल के कारण ही संभव हुआ। कोई कुछ भी कहे लेकिन इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता।
अगर अंडाल ब्लाक से यह बढ़त नहीं मिलती तो रानीगंज से तापस बैनर्जी का जीतना मुशकिल था। विष्णुदेव नोनिया ने कहा कि जब शिल्पांचल में कोयले का अवैध कारोबार चल रहा था तब किस नेता को कोल माफियायो से कितना मिलता था यह सबको पता है। वहीं पंचायत समिति में कालोबरन मंडल द्वारा कथित घोटाले पर विष्णुदेव नोनिया ने कहा कि कालोबरन मंडल यह पहले ही कह चुके हैं कि अगर घोटाले की बात सही साबित हुई तो वह पदत्याग कर देंगे । विष्णुदेव नोनिया ने कहा कि पार्टी पर किचड़ उछलता है तो वह खामोश नहीं रह सकते क्योंकि पार्टी से ही सबका वजुद है। वहीं उन्होंने कहा कि 22 साल माकपा में रहना उनके नर्क में रहने जैसा था। वहीं ममता बनर्जी के कार्यकाल को लेकर उनका कहना था कि जिस ढंग से ममता बनर्जी प्रशासन की बागडोर संभाले हुए हैं लगता ही नहीं कि किसी और नेता की जरुरत है। उन्होंने कहा कि गलती सबसे हो सकती है। लेकिन हर स्तर पर पार्टी के जो अभिभावक है। उनको मानकर चलने की जरुरत है। अंडाल मे कालोबरन मंडल तो सर्वोच्च अभिभावक मलय घटक हैं। उन्होंने बताया कि आज बंगाल मे विपक्ष नहीं है। टीएमसी के लोग ही एक दुसरे का विरोध कर रहे हैं। यह एक तरह से अच्छा भी है इससे खुद को बेहतर बनाया जा सकता है। लेकिन आलोचना साकारात्मक होनी चाहिए न कि नाकारात्मक। पार्टी की बात पार्टी के अंदर होनी चाहिए न कि सार्वजनिक रुप से। अंत में उन्होंने साफ कर दिया कि जबतक कालोबरन मंडल ब्लाक अध्यक्ष की कुर्सी पर हैं। वह इस क्षेत्र के सर्वोच्च नेता हैं । अगर किसी को कोई शिकायत है तो वह अपने शीर्ष नेतृत्व को बताए न कि सार्वजनिक रुप से एक दुसरे पर किचड़ उछालें।