निगम के अधिकारी निगम को व्यवसायिक प्रतिष्ठान के रूप में चलाने का सोच रहे – जितेंद्र तिवारी
आसनसोल । आसनसोल नगर निगम के अधिकारी निगम को व्यवसायिक प्रतिष्ठान के रूप में चलाने का सोच रहे हैं। उक्त बातें आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने शुक्रवार गोधूलि मोड़ स्थित अपने आवासीय कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर कही। उन्होंने कहा आसनसोल नगर निगम के दो फैसलों पर अपना ऐतराज जताते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि आसनसोल नगर निगम के पदाधिकारी लोगों को सेवा देने के बजाय अब आसनसोल नगर निगम को व्यवसायिक प्रतिष्ठान के रूप में चलाने का सोच रहे हैं। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि जब वह मेयर थे तब मां घाघर बुड़ी मंदिर परिसर में एक मैरिज हॉल का निर्माण किया गया था। इस मैरिज हॉल को बनाने का मकसद था कि जो भी आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोग हैं और जो लोग मां घाघर बुरी मंदिर में शादी ब्याह करवाते हैं। उनको सिर्फ 500 रुपए में यह मैरिज हॉल उपलब्ध कराया जाए। लेकिन अभी सुनने में आ रहा है कि आसनसोल नगर निगम द्वारा उसे एक निजी व्यक्ति को दिया गया है जो उसे मैरिज हॉल के ऐवज में 20 से 25 हजार रुपए किराए के तौर पर लेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी में यह आर्थिक क्षमता है कि वह 25 हजार रुपया देकर मैरिज हॉल बुक करेगा तो वह अपने संतान की शादी में मंदिर में क्यों करेगा। वह किसी बड़े मैरिज हॉल में अपने संतान की शादी कराएगा। वहीं बीएनआर में रवींद्र भवन के पीछे आसनसोल नगर निगम द्वारा बनाए गए गीतो वितान गेस्ट हाउस को लेकर भी जितेंद्र तिवारी ने एतराज जताते हुए कहा कि उनके जमाने में इस गेस्ट हाउस को बनाया गया था। इसका मकसद था कि आसनसोल नगर निगम इस गेस्ट हाउस को चलाएगा और बेहद कम राशि के बदले यहां पर लोगों को रहने की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि मेयर के तौर पर जब उन्होंने देश के विभिन्न शहरों का दौरा किया था तो उन्होंने देखा था कि हर नगर निगम द्वारा एक गेस्ट हाउस बनाया जाता है। उसी तर्ज पर उन्होंने इसका भी निर्माण करवाया था। लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि वहां पर एक निजी व्यक्ति के द्वारा होटल तथा रेस्टोरेंट बनाया जाएगा और उसे होटल तथा रेस्तरां के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने इस पर भी कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि वह गेस्ट हाउस जहां पर स्थित है। उसके पास ही रविंद्र भवन है, कॉफी हाउस है, आर्ट गैलरी है, उस जगह का एक अपना इतिहास है। लेकिन उसे व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए निजी हाथों में सौंपा जाना बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसका तीव्र विरोध करती है। उन्होंने आसनसोल के लोगों से भी आसनसोल नगर निगम के इस फैसले का विरोध करने की अपील की। इस बारे में जब हमने आसनसोल नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि निसंदेह मां घाघर बुरी मंदिर के पास जो मैरिज हॉल बनाया गया था। वह एक अच्छा प्रयास था। लेकिन समय के साथ-साथ हर चीज में तब्दीली आई है। उस मैरिज हॉल के रखरखाव में भी खर्च है। उसे देखते हुए बेहद कम कीमत पर लोगों को उसे मैरिज हॉल को इस्तेमाल करने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी एक चीज को बना देना ही काफी नहीं है। उस चीज का रखरखाव भी जरूरी है। इसके लिए फंड की आवश्यकता होती है। इसी को मद्देनजर रखते हुए बीएनआर में गीतो वितान का भी कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह गेस्ट हाउस अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं है। उसमें बहुत काम बाकी है। एसी लगाने के साथ और भी कई काम है जो अभी अधूरे हैं। उन कामों के लिए एक से डेढ़ करोड़ रुपए की आवश्यकता है जो फिलहाल नगर निगम के पास नहीं है। इस वजह से वहां पर लीज पर व्यवसायिक तौर पर रेस्तरां की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वहां पर गेस्ट हाउस नहीं रहेगा। गेस्ट हाउस जैसे था वैसे ही रहेगा। लेकिन वास्तविकता को देखते हुए। आसनसोल नगर निगम द्वारा फंड की जरूरत महसूस करते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि लीज पर देने से वहां पर गेस्ट हाउस का कायाकल्प भी हो जाएगा और बाद में वह गेस्ट हाउस एक नए रूप में आसनसोल नगर निगम को मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रवींद्र भवन में बांग्ला नए पुराने फिल्मों के प्रदर्शन के बारे में भी नगर निगम सोच रहा है।