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राष्ट्र निर्माण, प्रौद्योगिकी नेतृत्व, ग्राहक सेवा, विश्व स्तरीय सुरक्षा प्रक्रियाओं और अग्रणी स्थिरता पहलों में टाटा पावर आने वाली पीढ़ियों के लिए ‘जीवन को रोशन’ कर रहा – कौशिक सन्याल

पूरे भारत में 11 लाख लोग हर साल प्रदूषण के कारण मौत के शिकार होते

हर घर सोलर” अब बंगाल में एक रियलिटी होगी

आसनसोल । टाटा पावर भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक है, जो पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली सेवाओं और सौर छत, ईवी चार्जिंग स्टेशनों और होम ऑटोमेशन सहित अगली पीढ़ी के ग्राहक समाधानों की संपूर्ण बिजली मूल्य श्रृंखला में मौजूद है। राष्ट्र निर्माण, प्रौद्योगिकी नेतृत्व, ग्राहक सेवा, विश्व स्तरीय सुरक्षा प्रक्रियाओं और अग्रणी स्थिरता पहलों में एक सदी से अधिक योगदान के साथ, टाटा पावर आने वाली पीढ़ियों के लिए ‘जीवन को रोशन’ कर रहा है। उक्त बाते संस्थान के नेशनल हेड कौशिक सान्याल ने बताया कि टाटा पावर की तरफ से सोलर एनर्जी या सौर ऊर्जा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टाटा पावर की तरफ सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बर्दवान के कई राइस मिल है जो पूरे विश्व में उच्च कोटी के चावल उपलब्ध कराती हैं। टाटा पावर की कोशिश है कि इन राइस मिलों को सौर ऊर्जा से चलाया जाए।

ताकि कीमत के हिसाब से यह और लाभान्वित हो। उन्होंने कहा कि टाटा पावर की तरफ से उपभोक्ताओं को तमाम तरह के डिस्काउंट दिए जाते हैं। रिहायशी इलाकों में अगर कोई टाटा पावर का सोलर पैनल लगता है तो उसको काफी डिस्काउंट दिया जाता है। 1 लाख के अंदर ही 3 किलोवाट का सोलर पैनल लग जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद उसे घर में बिजली की उपलब्धता पूरी तरह से नि:शुल्क होगी और अगर देखा जाए तो बिजली का खर्च इतना बच जाएगा की 3 साल के अंदर उनका पैसा वापस हो जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि जो औद्योगिक संस्थान है। वह भी अगर सोलर पैनल लगते हैं तो हर यूनिट पर उनको तकरीबन सात रुपए से ज्यादा की बचत होगी। कौशिक सान्याल ने बताया कि यहां पर उनके कई चैनल पार्टनर हैं, जिनके जरिए वह सोलर पैनल के इस अभियान को और आगे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि टाटा पावर की तरफ से जो सोलर पैनल उपलब्ध कराए जाते हैं। उन पर 25 साल की गारंटी होती है। लेकिन उसके बाद भी 5 से 10 साल यह काम करते हैं। उन्होंने बताया कि टाटा पावर की तरफ से ही तमिलनाडु और बेंगलुरु में सोलर पैनल बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि टाटा का उद्देश्य सिर्फ अपने बनाए हुए सोलर पैनल बेचना नहीं है। वह चाहते हैं कि बंगाल में कमर्शियल हो या रेजिडेंशियल सभी लोग सोलर पावर या सौर ऊर्जा का उपयोग करें। ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज पूरे भारत में 11 लाख लोग हर साल प्रदूषण के कारण मौत के शिकार होते हैं। अगर ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाए तो इस पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हर कारखाना कोल्ड स्टोरेज, राइस मिल से लेकर स्कूल कॉलेज अन्य संस्थानों में भी सोलर पावर का इस्तेमाल किया जाए। जिसमें टाटा पावर के वरिष्ठ पदाधिकारी कोलकाता से आए थे। जिन्होंने लोगों को सोलर एनर्जी के फायदे के बारे में बताया उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कमर्शियल और डोमेस्टिक दोनों ही कार्यों के लिए सोलर एनर्जी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। आज के जागरूकता सभा इसी चीज को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी। वही टाटा पावर के नेशनल हेड कौशिक सान्याल ने कहा कि टाटा पावर भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी है, वे रूफटॉप, ग्राउंड माउंट और फ्लोटिंग विकल्पों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर काम करते हैं। 1.6GW डिस्ट्रिब्यूटेड एनर्जी और 11.5GW से अधिक यूटिलिटी स्केल प्रोजेक्ट्स का इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण पोर्टफोलियो हैं। कंपनी देश भर में दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ ग्रीन मिशन पर है। “सस्टेनेबल इज अटेनेबल” सोलर सॉल्यूशंस विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ दिलचस्प वित्तपोषण योजनाएं भी लेकर आते हैं। वर्तमान में, पश्चिम बंगाल में 5 किलोवाट तक के नेट मीटरिंग एप्लिकेशन खुल गए हैं, जहां आप दिन भर बिजली पैदा कर सकते हैं और ग्रिड बिजली बिलों पर बचत के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। छत पर इंस्टॉलेशन भी आसान ईएमआई विकल्पों के साथ आता है। “हर घर सोलर” अब बंगाल में एक रियलिटी होगी।

   
 
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