आसनसोल । दिसम आदिवासी गांवता तथा दुर्गापुर के पंडित रघुनाथ मुर्मू हॉस्टल के विद्यार्थियों के अभिभावकों द्वारा आसनसोल में बीबीडब्ल्यू कार्यालय को ज्ञापन सौंपा गया। इस बारे में दिसम आदिवासी गांवता के प्रदेश अध्यक्ष शैलमन मांडी ने बताया कि आज आदिवासी समाज के अभिभावकों द्वारा कुछ मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने कहा कि सरकारी नियम के अनुसार हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों को हर महीने 1800 रुपए करके स्टाइपेंड मिलना चाहिए। लेकिन उन्हें वह पैसा नहीं मिल रहा है। विद्यार्थियों को अटेंडेंस के अनुसार प्रतिदिन 10 रुपया के हिसाब से पैसा दिया जा रहा है अगर किसी की तीन दिनों की हाजिरी है तो उसे 300 वैसे ही अगर किसी का 6 दिन का अटेंडेंस है तो उसे 600 दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि दुर्गापुर के पंडित रघुनाथ मुर्मु हॉस्टल में लंबे समय से कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। वहां पर अस्थाई लोगों द्वारा ही काम चलाया जा रहा है। वहां पर सात कर्मचारी हैं। इन सात अस्थाई कर्मचारियों को जो पैसा दिया जा रहा है। वह भी विद्यार्थियों के स्टाइपेंड के पैसे से दिया जा रहा है। उन्होंने हॉस्टल में स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की। वहीं एक और समस्या के तरफ ज्ञापन के जरिए बीसिड्ब्ल्यु कार्यालय का ध्यान आकर्षित किया गया वह था पंडित रघुनाथ मुर्मू स्कूल में जो टीचर इंचार्ज है उन्होंने तकरीबन 100 विद्यार्थियों को बिना किसी कागजात के भर्ती करके रखा है। इस वजह से स्टाइपेंड 200 विद्यार्थियों का आ रहा है। लेकिन वहां पर सही में 300 विद्यार्थी हैं। 100 विद्यार्थियों को स्टाइपेंड नहीं मिल रहा है क्योंकि हॉस्टल मॉनिटरिंग सिस्टम में पंजीकृत नहीं है। उन्होंने कहा कि इन सब मुद्दों को लेकर पिछले साल दिसंबर महीने में भी बीबीडब्ल्यू कार्यालय को ज्ञापन सौंपा गया था। तब अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया था कि जल्द से जल्द इन समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। लेकिन 6 महीने बीत गए अभी तक कोई सार्थक पहन नहीं की गई। उन्होंने कहा कि उनको पूरा भरोसा है कि आज जो ज्ञापन सौंपा जा रहा है। उसके जरिए विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान निकलेगा।