आसनसोल । वामफ्रंट के विभिन्न शाखा संगठनों की तरफ से शुक्रवार आसनसोल के हाटन रोड मोड़ स्थित कम्युनिस्ट क्रांतिकारी लेनिन की प्रतिमा के सामने उनकी जयंती पालन की गई। सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस मौके पर पार्थ मुखर्जी, मनोज दास, डॉ.अरुण पांडेय, हेमंत सरकार, उत्तम मंडल, जयदीप मुखर्जी, हेमंत मिश्रा सहित तमाम वामपंथी नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस मौके पर पार्थ मुखर्जी ने कहा कि जिस तरह से लेलिन ने श्रेणी से उठकर सब को एक होने की हिदायत दी थी। वह आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि मानवता के इतिहास में देखा गया है कि जो सत्ता पक्ष है, वह कभी भी श्रमिक श्रेणी को उनका अधिकार नहीं देता। ऐसे में अगर अपने अधिकारों को पाना है तो उसके लिए संघर्ष अनिवार्य हैं। इसके लिए श्रमिक श्रेणी को दोष नहीं दिया जा सकता।
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आपको बताते चलें कि आज ही के दिन सन 1870 में लेनिन का जन्म हुआ था। उनका असली नाम व्लादीमीर उलिच उल्यानोव था। वह रुसी साम्यवादी क्रांतिकारी और राजनीतिज्ञ थे। लेनिन 1917 से 1924 तक सोवियत रूस के और 1922 से 24 तक सोवियत संघ के हेड ऑफ गवर्मेंट रहे। उन्होंने लेनिनवाद के नाम से अपने राजनीतिक सिद्धांतों को विकसित किया।