आरपीएफ, पूर्व रेलवे ने “ऑपरेशन नन्हे फरीस्ती” के तहत 957 नाबालिगों को बचाया
कोलकाता । पूर्व रेलवे का रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) अपनी चल रही पहल “ऑपरेशन नन्हे फरीस्ती” के माध्यम से रेलवे परिसरों में कमजोर बच्चों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह ऑपरेशन रेलवे स्टेशनों पर संकट में पाए जाने वाले नाबालिगों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए आरपीएफ की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 की अवधि के दौरान, पूर्व रेलवे के तहत आरपीएफ कर्मियों ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न रेलवे स्टेशनों से कुल 957 नाबालिगों को सफलतापूर्वक बचाया, जिनमें 584 लड़के और 373 लड़कियां शामिल हैं। ये नाबालिग या तो अपने परिवारों से अलग पाए गए, खोए हुए, परित्यक्त या ऐसी परिस्थितियों में थे, जो उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए जोखिम पैदा करते थे। बचाव के बाद, सभी बच्चों को तुरंत सरकारी अधिकारियों के समन्वय में चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन और अन्य बाल कल्याण एनजीओ को सौंप दिया गया, ताकि उनकी सुरक्षित अभिरक्षा और आवश्यक पुनर्वास उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।
“ऑपरेशन नन्हे फरीस्ती” केवल एक अभियान नहीं है; यह एक जीवन रक्षक मिशन है जो बच्चों को उनके परिवारों से फिर से मिलाता है और उनके सुरक्षित बचपन के अधिकार को बहाल करता है। यह बचाव अभियान न केवल आरपीएफ कर्मियों की सतर्कता और मानवीय दृष्टिकोण को उजागर करता है, बल्कि नागरिक समाज संगठनों और संबंधित अधिकारियों के साथ उनके सक्रिय समन्वय को भी रेखांकित करता है।