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गांव-गांव देखने से पता चलता है कि शहर में प्लास्टिक अब भी ‘कांटा’ बना हुआ है

दुर्गापुर शहर को प्लास्टिक मुक्त बिल्कुल नहीं हुआ है दुर्गापुर । ग्रामीण इलाकों में प्लास्टिक के बहिष्कार का अभियान चल रहा है। बताया जा रहा है कि प्लास्टिक कैरी बैग की जगह कपड़े के थैले का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कपड़े के थैले बना रही हैं। राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार का दावा है कि ज्यादातर ग्रामीण बाजारों में कपड़े के थैले का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि, जिस शहर दुर्गापुर में वे रहते हैं, उसे प्लास्टिक मुक्त बिल्कुल नहीं बनाया जा रहा है। मंत्री ने व्यावहारिक रूप से इस बात को स्वीकार किया है। लेकिन इससे पहले भी कई बार दुर्गापुर को प्लास्टिक मुक्त शहर घोषित किया जा चुका है। दुर्गापुर को प्लास्टिक मुक्त क्यों नहीं बनाया जा रहा है? मंत्री ने कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में प्लास्टिक के खिलाफ अच्छा प्रचार-प्रसार हो रहा है। 17 मई को दुर्गापुर में स्वच्छता पर समीक्षा बैठक में वह तस्वीर सामने आई। यह सच है कि दुर्गापुर को अभी तक प्लास्टिक मुक्त नहीं बनाया जा सका है। सड़कों से एकत्र प्लास्टिक का भी उचित तरीके से प्रसंस्करण नहीं किया जा रहा है। क्योंकि, जमीन के अभाव में प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लग पा रहे हैं।’ दूसरी ओर, कांकसा प्रखंड के गोपालपुर गांव के बाजारों में प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए मंत्री प्रदीप मजूमदार ने गोपाल पंचायत की प्रशंसा की। दूसरी ओर, दुर्गापुर स्टेशन बाजार, मामरा बाजार, बेनाचिति बाजार, चंडीदास बाजार, आशीष बाजार, स्वास्थ्य केंद्र बाजार, टाउनशिप मिनी बाजार समेत शहर के सभी छोटे-मोटे बाजारों में भारी मात्रा में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। निवासियों की शिकायत है कि नगर निगम से लेकर स्थानीय प्रशासन, यहां तक ​​कि दुर्गापुर स्टील प्लांट के अधिकारियों तक का कोई ध्यान नहीं है। मानसून हमारे दरवाजे पर है। प्लास्टिक से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं, इसका अंदाजा हमें तब लगेगा, जब बारिश शुरू होगी। नालियां ओवरफ्लो हो जाएंगी और पानी घरों में घुस जाएगा। सड़कें पानी में डूब जाएंगी। आरोप है कि प्लास्टिक को रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। 2015-16 में तत्कालीन अनुमंडल दंडाधिकारी शंख संतरा ने प्लास्टिक के खिलाफ आखिरी अभियान चलाया था। विभिन्न शॉपिंग मॉल, बाजार और प्लास्टिक कैरी बैग बनाने वाली कंपनियों पर छापेमारी की गयी। प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर काफी हो-हल्ला हुआ। लेकिन उनके तबादले के बाद प्लास्टिक के खिलाफ ऐसा कोई अभियान नहीं चला। दुर्गापुर स्टील प्लांट के अधिकारियों ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्टील टाउनशिप के हर बाजार में पोस्टर लगाये हैं। कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी वेदबंधु रॉय ने कहा, ‘लोगों को पहले जागरूक होना होगा। चंडीदास बाजार में मछली बेचने वाले अभिषेक मजूमदार ने कहा, ‘खरीदार आते हैं और प्लास्टिक कैरी बैग ढूंढते हैं. अगर वे नहीं देते हैं, तो वे दूसरी दुकान पर जाते हैं। उन्हें देने के लिए मजबूर होना पड़ता है। समस्या को स्वीकार करते हुए दुर्गापुर नगर पालिका अध्यक्ष अनिंदिता मुखर्जी ने कहा, ‘प्लास्टिक कैरी बैग बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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